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व्हील चेयर पर बैठकर प्रचार करेंगी ममता बनर्जी? अस्पताल से जारी पहले बयान में दिए संकेत

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी चोट लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं और उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे आने वाले कुछ दिनों में व्हील चेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार कर सकती हैं। अस्पताल से जारी अपने पहले बयान में ममता बनर्जी ने कहा है कि वे 3-4 दिन में वापस लौटेंगी और हो सकता है कि कुछ दिन तक पैर में तकलीफ की वजह से व्हील चेयर पर रहना पड़े। ममता बनर्जी के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि वे आने वाले दिनों में व्हील चेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार कर सकती हैं।

 

अस्पताल से जारी अपने पहले बयान में ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है, उन्होंने कहा, "जितने भी यूथ हैं मैं उनको कहना चाहती हूं कि आप सभी शांति बनाए रखें, मुझे कल बहुत चोट लगी थी, अभी भी मुझे सीने, सिर और हाथ पांव में दर्द महसूस हो रहा है। मैं गाड़ी के बोनट के पास नमस्कार कर रही थी तब ज्यादा प्रेशर आया और गाड़ी मेरे ऊपर चढ़ गई। मेरे पास जो दवाएं थी वो मैने खाने के बाद कोलकाता के लिए निकल गए, मैं अपील करूंगी कि सबलोग शांति बनाए रखें, कुछ ऐसा करें जिससे आम लोगों को परेशानी हो, 3-4 दिन में मैं वापस लौट आऊंगी, हो सकता है कुछ दिन तक मुझे पैर की वजह से व्हील चेयर पर रहना पड़े"

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल देर शाम नंदीग्राम में अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि चार-पांच लोगों ने उनके ऊपर हमला किया। ममता बनर्जी के पांव, हाथ, गर्दन और कंधे में गहरी चोट आई है। वहीं कुछ लोग इसे हादसा भी बता रहे हैं। इस बीच प्रशासनिक स्तर पर भी इस मामले की जांच शुरू हो गई है। चूंकि ममता बनर्जी एक राज्य की मुख्यमंत्री हैं उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में चार-पांच लोगों का उनपर हमला करना.. उन्हें धक्का देना और भाग जाना कोई सहज बात नहीं है। ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर सुरक्षा चूक का हो जाता है। आइये आपको बतातें है कि कैसा है ममता बनर्जी की सुरक्षा का बंदोबस्त।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ज़ेड प्लस सुरक्षा में कुल 18 गाड़ियां रहती हैं। इनमें 4 पायलट कार सबसे आगे रहती है। एडवांस सिक्योरिटी कार में डीएसपी स्तर के अधिकारी होते हैं, फिर एडवांस पायलट कार होती है इसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी होते हैं। इसके बाद फिर पायलट कार होती है इसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर होते हैं, फिर डायरेक्ट ऑफ सिक्योरिटी की गाड़ी रहती है और फिर वीआईपी कार होती है।

Input: India TV

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